माल्हेपुर स्टेट का इतिहास


माल्हेपुर स्टेट का इतिहास

कहते हैं आजादी ४० बरस पहले कानपूर देहात (वर्तमान में) के अमरौधा ब्लॉक के शेखपुर ग्राम पंचायत के जंगल की तरफ यादवो का एक बड़ा गाँव था जिसको अंग्रेज माल्हे पुर स्टेट कहते थे

पास लगे गाँव बसावन पुर के मुखिया बताते हैं की माल्हे पुर गांव मुगलो के ज़माने से था मुग़ल कालीन सल्तनत में यहाँ पर जो यादव लोग रहते वो बड़े उजाड़ और लड़ाकू थे एक कहानी प्रसिद्द है मल्हीपुर स्टेट के लिए की ,एकबार एक अंग्रेजी अफसर गांव में आए और उन्होंने खटिया पर लेते गांव वाले से पूछा की गांव से जंगल की तरफ को कौन सा रास्ता जाता है इसपर उसने पेअर से रस्ते किन तरफ का इशारा करते हुए बता दिया

जिसपर अंग्रेज तो चला गया परन्तु उस पटवारी से कहा ये कौन लोग थे तो पटवारी ने कहा :

हुज़ूर ये लोग बहुत खतरनाक लोग हैं

तो अंग्रेज अफसर ने कहा

कौन हैं ये आखिर

तो पटवारी ने कहा

सरकार ये यादव हैं

तो अंग्रेज अफसर बोला

ये लोग आसानी से काबू में नहीं आएँगे कुछ सोचना पड़ेगा तभी पटवारी बोल पड़ा

सरकार ये साल में दो दिन ही काबू में आ सकते हैं

एक होली और एक दिवाली

कहते हैं की होली और दिवाली के दिन ये लोग खूब शराब पीते हैं उस दिन अगर रात में इन पर हमला करें तो काबू में आ सकते हैं।

धीरे धीरे दिवाली का समय आ गया और उस गाँव में अंग्रेज़ो ने दिवाली के दिन नशे में होने के कारन पूरे गाँव में आग लगवा दी और अंग्रेज़ो ने एक बड़ा नरसंहार किया

आज भी बसावन पुर के जंगलो के पास मल्हीपुर गाँव का कुंआ आज भी उस गाँव के बलिदान की कहानी कह रहा है

आपको बता दें की मल्हीपुर गाँव बसावनपुर गांव जो अमरौधा ब्लॉक के भोगनीपुर तहसील में पड़ता है उसके जंगलो में हैं ।

आज़ादी से पहले न जाने कितने गाँव ऐसे होंगे जिनका सामूहिक नरसंहार अंग्रेजो द्वारा किया गया था ।

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